अमित शाह की अध्यक्षता में सहकारी डेयरी क्षेत्र में बड़ी पहल, तीन नई बहु-राज्यीय समितियों की घोषणा
Major initiative in cooperative dairy sector under the chairmanship of Amit Shah, announcement of three new multi-state committees

Major initiative in cooperative dairy sector under the chairmanship of Amit Shah, announcement of three new multi-state committees
केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज मंगलवार को नई दिल्ली में सहकारी डेयरी क्षेत्र में विकास और सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, मुरलीधर मोहोल, सहकारिता मंत्रालय के सचिव आशीष भूटानी, नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के अध्यक्ष डॉ. मीनष शाह और NABARD के अध्यक्ष शाजी के.वी. शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” के मंत्र को आगे बढ़ाते हुए बैठक में सहकारी डेयरी क्षेत्र के लिए तीन नई बहु-राज्यीय सहकारी समितियों की स्थापना का निर्णय लिया गया। पहली समिति पशु आहार उत्पादन, रोग नियंत्रण और कृत्रिम गर्भाधान पर केंद्रित होगी। दूसरी समिति गोबर प्रबंधन मॉडल को बढ़ावा देगी और तीसरी समिति मृत पशुओं के अवशेषों के सर्कुलर उपयोग को आगे बढ़ाएगी।
अमित शाह ने कहा कि “श्वेत क्रांति 2.0” की ओर बढ़ते हुए हमारा लक्ष्य केवल सहकारी डेयरी संस्थाओं का विस्तार करना नहीं है, बल्कि ऐसा टिकाऊ और सर्कुलर डेयरी इकोसिस्टम बनाना है जिससे किसानों की आमदनी भी बढ़े और पर्यावरण की भी रक्षा हो। उन्होंने सहकारी नेटवर्क को आपस में जोड़कर कार्य करने की जरूरत पर बल दिया ताकि किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।केंद्रीय मंत्री ने वैज्ञानिक मॉडल के जरिए किसानों को कार्बन क्रेडिट का प्रत्यक्ष लाभ दिलाने पर जोर दिया और कहा कि डेयरी प्लांटों में फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दूध संघों और सहकारी समितियों को मजबूत करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, जिससे किसान आत्मनिर्भर बनें और गांव की अर्थव्यवस्था सशक्त हो।
उन्होंने बताया कि दूध उत्पादन और विपणन के जरिए सहकारी डेयरियां गांवों में आजीविका का मुख्य साधन बनी हुई हैं और ये महिलाओं की भागीदारी को भी बढ़ा रही हैं। सहकारी समितियां छोटे किसानों को स्थिर बाजार, क्रेडिट सुविधाएं, पशु चिकित्सा सेवाएं और प्रजनन सहायता उपलब्ध कराकर ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। अमित शाह ने कहा कि “सस्टेनेबिलिटी से सर्कुलैरिटी की यात्रा” बहुआयामी होगी और आज जो कार्य निजी क्षेत्र कर रहा है, भविष्य में वही कार्य किसानों की सहकारी समितियां करेंगी। इनमें तकनीकी सेवाएं, पशु चारा, कृत्रिम गर्भाधान, रोग नियंत्रण, गोबर प्रबंधन, संग्रहण से लेकर प्रसंस्करण तक की गतिविधियां शामिल हैं।
उन्होंने अमूल जैसे सफल सहकारी मॉडल का उल्लेख करते हुए कहा कि “सहकार से समृद्धि” का सपना अब साकार हो रहा है और “सहकारिता के बीच सहयोग” इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मंत्रालय विभिन्न मंत्रालयों और संस्थाओं के साथ मिलकर न केवल डेयरी क्षेत्र में काम कर रहा है, बल्कि गांव स्तर की सहकारी समितियों को बहुउद्देश्यीय बनाकर उन्हें अन्य गतिविधियों से भी जोड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि सहकारिता मंत्रालय और पशुपालन मंत्रालय ने सभी हितधारकों को एक मंच पर लाकर नीति निर्माण, वित्त पोषण, सहकारी समितियों की स्थापना और उन्हें बहुउद्देश्यीय बनाने का कार्य तेज गति से शुरू किया है। NDDB ने सस्टेनेबिलिटी, बायोगैस और गोबर प्रबंधन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया है, जिसे पूरे देश में विस्तार दिया जा रहा है।- (PIB)